Thursday 12 May 2016

हिंदी में रोचक तथ्य (RM2RN)

 
हिंदी में रोचक तथ्य- (RM2RN)

किसी चीज से ध्यान हटाने के लिए कोई पहेली या “सुडोकू” हल कीजिए.
सोचो, अगर आपका अपहरण हो जाए और हाथ-पैर बांध दिए जाए तो मुंह पर चिपके टेप को उतारने के लिए उसे चाटना शुरू करे। वह खुदबखुद गिर जाएगा.
अगर कपड़े सिकुडकर छोटे हो गए हैं तो उन्हें गर्म पानी और हेयर कंडीशनर के घोल में 5 मिनिट के लिए भिगो दीजिए। वे वापस अपने पुराने साइज में आ जाएंगे.
अगर “Wikipedia” की इंग्लिश आपको बहुत कठिन लग रही है तो बांई तरफ सिम्पल इंग्लिश के ऑप्शन पर क्लिक कीजिए।
अपनी नाक बंद करके, तीन बार निगलने से आपको हिचकी में राहत मिलेगी.
जिम में Exercise करने से पहले एक संतरा खाने से आपके शरीर में वर्क आउट के दौरान पानी की कमी नही होगी, साथ ही साथ आपके मसल्स में सूजन भी नहीं आएगी.
मूंगफली का उपयोग डाइनामाइट में किया जाता है.
अगर आपको लगता है कि कोई आपको “गलत नंबर” दे रहा है, तो इसे जांचने के लिए उन्हें इसे कुछ डीजिट बदलकर पढ़कर सुना दीजिए और अगर वह आपको सही नही करते हैं तो समझ लीजिए कि दिया गया नंबर गलत है.
सिगरेट पीने वाले लोग, सिगरेट न पीने वाले और सिगरेट पीना छोड़ चुके लोगों की तुलना में ज्यादा तनावग्रस्त होते हैं.
अपने कमरे में पढ़ाई या एक्सरसाइज करते समय जूते पहने रहने से आपके दिमाग को लगता है कि आप व्यस्त हैं.
हवाई जहाज के पिछले हिस्से में बैठे यात्रियों के हवाई जहाज क्रैश होने की स्थिति में बचने की संभावना 40 प्रतिशत बढ़ी हुई होती है.
अगर आपको रात में लंबी दूरी तक गाड़ी चलानी है तो “Comedy” सुने। कॉमेडी सुनते हुए नींद लगना मुश्किल काम है.
मोबाइल पर चैटिंग करते हुए किसी समस्या का हल खोजना नामुमकिन है. अपने बीच की समस्या को मिलकर सुलझाने की कोशिश करने से समस्या के सुलझने की संभावना काफी बढ़ जाती है.
किसी नई जगह अगर टैक्सी ड्राइवर आपसे पूछे कि क्या आप आस-पास की किसी जगह से हैं तो हां कर दीजिए. कभी-कभी ड्राइवर किराया बढ़ाने के लिए आपको दूर ले जाते हैं.
“Alexander Graham Bell”, जिन्होने टेलीफोन की खोज की थी, ने अपनी पत्नी और मां को कभी फोन नहीं किया क्योंकि वे दोनों बहरी थीं.
तितलीयों में स्वाद महसूस करने की क्षमता उनके पैरों में होती है.
द्वितीय विश्व युद्ध के समय धातु की इतनी कमी थी कि इस दौरान दिया गया ऑस्कर प्लास्टर का बना हुआ था.
अगर बिच्छू पर शराब की थोड़ी भी मात्रा गिर जाए तो यह तुरंत पागल होकर खुद को काट लेता है और मर जाता है.
पुस्तकालयो से सबसे ज्यादा चोरी होने वाली किताब “गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स” है.
खुद को गुदगुदी करना नामुमकिन है क्योंकि दिमाग इस बात को नकार देता है.
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Tuesday 26 April 2016

ओकायो का जूडो (RM2RN)

जापान के एक छोटे से कसबे में रहने वाले दस वर्षीय ओकायो को जूडो सीखने का बहुत शौक था पर बचपन में हुई एक दुर्घटना में बायाँ हाथ कट जाने के कारण उसके माता -पिता उसे जूडो सीखने की आज्ञा नहीं देते थे पर अब वो बड़ा हो रहा था और उसकी जिद्द भी बढती जा रही थी।

अंततः माता-पिता को झुकना ही पड़ा और वो ओकायो को नजदीकी शहर के एक मशहूर मार्शल आर्ट्स गुरु के यहाँ दाखिला दिलाने ले गए।

गुरु ने जब ओकायो को देखा तो उन्हें अचरज हुआ कि, बिना बाएँ हाथ का यह लड़का भला जूडो क्यों सीखना चाहता है?

उन्होंने पूछा,  तुम्हारा तो बायाँ हाथ ही नहीं है तो भला तुम और लड़कों का मुकाबला कैसे करोगे।

ये बताना तो आपका काम है, ओकायो ने कहा मैं तो बस इतना जानता हूँ कि मुझे सभी को हराना है और एक दिन खुद “सेंसेई” (मास्टर) बनना है।

गुरु उसकी सीखने की दृढ इच्छा शक्ति से काफी प्रभावित हुए और बोले, ठीक है मैं तुम्हे सीखाऊंगा लेकिन एक शर्त है, तुम मेरे हर एक निर्देश का पालन करोगे और उसमे दृढ विश्वास रखोगे।

ओकायो ने सहमती में गुरु के समक्ष अपना सर झुका दिया।

गुरु ने एक साथ लगभग पचास छात्रों को जूडो सीखना शुरू किया ओकायो भी अन्य लड़कों की तरह सीख रहा था पर कुछ दिनों बाद उसने ध्यान दिया कि गुरु जी अन्य लड़कों को अलग -अलग दांव -पेंच सीखा रहे हैं लेकिन वह अभी भी उसी एक किक का अभ्यास कर रहा है जो उसने शुरू में सीखी थी उससे रहा नहीं गया और उसने गुरु से पूछा, गुरु जी आप अन्य लड़कों को नयी -नयी चीजें सीखा रहे हैं, पर मैं अभी भी बस वही एक किक मारने का अभ्यास कर रहा हूँ क्या मुझे और चीजें नहीं सीखनी चाहियें?

गुरु जी बोले, तुम्हे बस इसी एक किक पर महारथ हांसिल करने की आवश्यकता है और वो आगे बढ़ गए।

ओकायो को विस्मय हुआ पर उसे अपने गुरु में पूर्ण विश्वास था और वह फिर अभ्यास में जुट गया।

समय बीतता गया और देखते -देखते दो साल गुजर गए, पर ओकायो उसी एक किक का अभ्यास कर रहा था एक बार फिर ओकायो को चिंता होने लगी और उसने गुरु से कहा, क्या अभी भी मैं बस यही करता रहूँगा और बाकी सभी नयी तकनीकों में पारंगत होते रहेंगे।

गुरु जी बोले, तुम्हे मुझमे यकीन है तो अभ्यास जारी रखो।

ओकायो ने गुरु कि आज्ञा का पालन करते हुए बिना कोई प्रश्न पूछे अगले 6 साल तक उसी एक किक का अभ्यास जारी रखा।

सभी को जूडो सीखते आठ साल हो चुके थे कि तभी एक दिन गुरु जी ने सभी शिष्यों को बुलाया और बोले मुझे आपको जो ज्ञान देना था वो मैं दे चुका हूँ और अब गुरुकुल की परंपरा के अनुसार सबसे अच्छे शिष्य का चुनाव एक प्रतिस्पर्धा के माध्यम से किया जायेगा और जो इसमें विजयी होने वाले शिष्य को “सेंसेई” की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा।

प्रतिस्पर्धा आरम्भ हुई।

गुरु जी ओकायो को उसके पहले मैच में हिस्सा लेने के लिए आवाज़ दी।

ओकायो ने लड़ना शुर किया और खुद को आश्चर्यचकित करते हुए उसने अपने पहले दो मैच बड़ी आसानी से जीत लिए तीसरा मैच थोडा कठिन था, लेकिन कुछ संघर्ष के बाद विरोधी ने कुछ क्षणों के लिए अपना ध्यान उस पर से हटा दिया, ओकायो को तो मानो इसी मौके का इंतज़ार था, उसने अपनी अचूक किक विरोधी के ऊपर जमा दी और मैच अपने नाम कर लिया अभी भी अपनी सफलता से आश्चर्य में पड़े ओकयो ने फाइनल में अपनी जगह बना ली।

इस बार विरोधी कहीं अधिक ताकतवर, अनुभवी और विशाल था देखकर ऐसा लगता था कि ओकायो उसके सामने एक मिनट भी टिक नहीं पायेगा।

मैच शुरू हुआ, विरोधी ओकायो पर भारी पड़ रहा था, रेफरी ने मैच रोक कर विरोधी को विजेता घोषित करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन तभी गुरु जी ने उसे रोकते हुए कहा, नहीं, मैच पूरा चलेगा।

मैच फिर से शुरू हुआ।

विरोधी अतिआत्मविश्वास से भरा हुआ था और अब ओकायो को कम आंक रहा था. और इसी दंभ में उसने एक भारी गलती कर दी, उसने अपना गार्ड छोड़ दिया!! ओकयो ने इसका फायदा उठाते हुए आठ साल तक जिस किक की प्रैक्टिस की थी उसे पूरी ताकत और सटीकता के साथ विरोधी के ऊपर जड़ दी और उसे ज़मीन पर धराशाई कर दिया उस किक में इतनी शक्ति थी की विरोधी वहीँ मुर्छित हो गया और ओकायो को विजेता घोषित कर दिया गया।

मैच जीतने के बाद ओकायो ने गुरु से पूछा, सेंसेई, भला मैंने यह प्रतियोगिता सिर्फ एक मूव सीख कर कैसे जीत ली?

तुम दो वजहों से जीते, गुरु जी ने उत्तर दिया पहला, तुम ने जूडो की एक सबसे कठिन किक पर अपनी इतनी मास्टरी कर ली कि शायद ही इस दुनिया में कोई और यह किक इतनी दक्षता से मार पाए, और दूसरा कि इस किक से बचने का एक ही उपाय है, और वह है विरोधीके बाएँ हाथ को पकड़कर उसे ज़मीन पर गिराना।

ओकायो समझ चुका था कि आज उसकी सबसे बड़ी कमजोरी ही उसकी सबसे बड़ी ताकत बन चुकी थी।

मित्रों अगर ओकायो चाहता तो अपने बाएँ हाथ के ना होने का रोना रोकर एक अपाहिज की तरह जीवन बिता सकता था, लेकिन उसने इस वजह से कभी खुद को हीन नहीं महसूस होने दिया. उसमे अपने सपने को साकार करने की दृढ इच्छा थी और यकीन जानिये जिसके अन्दर यह इच्छा होती है भगवान उसकी मदद के लिए कोई ना कोई गुरु भेज देता है, ऐसा गुरु जो उसकी सबसे बड़ी कमजोरी को ही उसकी सबसे बड़ी ताकत बना उसके सपने साकार कर सकता है।


बेवक़ूफ़ : एक गृहणी (RM2RN)

बेवक़ूफ़ : एक गृहणी

वो रोज़ाना की तरह आज फिर इश्वर का नाम लेकर उठी थी ।

किचन में आई और चूल्हे पर चाय का पानी चढ़ाया।

फिर बच्चों को नींद से जगाया ताकि वे स्कूल के लिए तैयार हो सकें ।

कुछ ही पलों मे वो अपने  सास ससुर को चाय देकर आयी फिर बच्चों का नाश्ता तैयार किया और इस बीच उसने बच्चों को ड्रेस भी पहनाई।

फिर बच्चों को नाश्ता कराया।

पति के लिए दोपहर का टिफीन बनाना भी जरूरी था।    

इस बीच स्कूल का रिक्शा आ गया और  वो बच्चों को रिक्शा तक छोड़ने चली गई ।

वापस आकर पति का टिफीन बनाया और फिर  मेज़ से जूठे बर्तन इकठ्ठा किये ।

इस बीच पतिदेव की आवाज़ आई की मेरे कपङे निकाल दो ।

उनको ऑफिस जाने लिए कपङे निकाल कर दिए।

अभी पति के लिए उनकी पसंद का नाश्ता तैयार करके टेबिल पर लगाया ही था की छोटी ननद आई और ये कहकर ये कहकर गई की भाभी आज मुझे भी कॉलेज जल्दी जाना, मेरा भी नाश्ता लगा देना।

तभी देवर की भी आवाज़ आई की भाभी नाश्ता तैयार हो गया क्या?

अभी लीजिये नाश्ता तैयार है।

पति और देवर ने नाश्ता किया और अखबार पढ़कर अपने अपने ऑफिस के लिए निकल चले ।

उसने मेज़ से खाली बर्तन समेटे और सास ससुर के लिए उनका परहेज़ का नाश्ता तैयार करने लगी ।
   
दोनों को नाश्ता कराने के बाद फिर बर्तन इकट्ठे किये और उनको भी किचिन में लाकर धोने लगी ।

इस बीच सफाई वाली भी आ गयी ।

उसने बर्तन का काम सफाई वाली को सौंप कर खुद बेड की चादरें वगेरा इकट्ठा करने पहुँच गयी और फिर सफाई वाली के साथ मिलकर सफाई में जुट गयी ।

अब तक 11 बज चुके थे, अभी वो पूरी तरह काम समेट भी ना पायी थी की काल बेल बजी ।

दरवाज़ा खोला तो सामने बड़ी ननद और उसके पति व बच्चे सामने खड़े थे ।

उसने ख़ुशी ख़ुशी सभी को आदर के साथ घर में बुलाया और उनसे बाते करते करते  उनके आने से हुई ख़ुशी का इज़हार करती रही ।
 
ननद की फ़रमाईश के मुताबिक़ नाश्ता तैयार करने के बाद अभी वो नन्द के पास बेठी ही थी की सास की आवाज़ आई की बहु खाने का क्या प्रोग्राम हे ।

उसने घडी पर नज़र डाली तो 12 बज रहे थे ।
   
उसकी फ़िक्र बढ़ गयी वो जल्दी से फ्रिज की तरफ लपकी और सब्ज़ी निकाली  और फिर से दोपहर के खाने की तैयारी में जुट गयी ।
     
खाना बनाते बनाते अब दोपहर का दो बज चुके थे ।

बच्चे स्कूल से आने वाले थे,  लो बच्चे आ गये ।

उसने जल्दी जल्दी बच्चों की ड्रेस उतारी और उनका मुंह हाथ धुलवाकर उनको खाना खिलाया ।
   
इस बीच छोटी नन्द भी कॉलेज से आगयी और देवर भी आ चुके थे ।

उसने सभी के लिए मेज़ पर खाना लगाया और खुद रोटी बनाने में लग गयी ।
   
खाना खाकर सब लोग फ्री हुवे तो उसने मेज़ से फिर बर्तन जमा करने शुरू करदिये ।

इस वक़्त तीन बज रहे थे ।
   
अब उसको खुदको भी भूख का एहसास होने लगा था ।

उसने हॉट पॉट देखा तो उसमे कोई रोटी नहीं बची थी ।

उसने फिर से किचिन की और रुख किया तभी पतिदेव घर में दाखिल होते हुये बोले की आज देर होगयी भूख बहुत लगी हे जल्दी से खाना लगादो ।
 
उसने जल्दी जल्दी पति के लिए खाना बनाया और मेज़ पर खाना लगा कर पति को किचिन से गर्म रोटी बनाकर ला ला कर देने लगी ।
   
अब तक चार बज चुके थे ।
   
अभी वो खाना खिला ही रही थी की पतिदेव ने कहा की आजाओ तुमभी खालो ।
   
उसने हैरत से पति की तरफ देखा तो उसे ख्याल आया की आज मैंने सुबह से कुछ खाया ही नहीं ।
 
इस ख्याल के आते ही वो पति के साथ खाना खाने बैठ गयी ।

अभी पहला निवाला उसने मुंह में डाला ही था की आँख से आंसू निकल आये
   
पति देव ने उसके आंसू देखे तो फ़ौरन पूछा की तुम क्यों रो रही हो  ।
 
वो खामोश रही और सोचने लगी की इन्हें कैसे बताऊँ की ससुराल में कितनी मेहनत के बाद ये रोटी का निवाला नसीब होता हे और लोग इसे मुफ़्त की रोटी कहते हैं ।
   
पति के बार बार पूछने पर उसने सिर्फ इतना कहा की कुछ नहीं बस ऐसे ही आंसू आगये ।
   
पति मुस्कुराये और बोले कि तुम औरते भी बड़ी "बेवक़ूफ़" होती हो, बिना वजह रोना शुरू करदेती हो।

आप इसे शेयर नहीं करेंगे क्योकि शायद आपको भी लगता है की गृहणी मुफ़्त की रोटिया तोड़ती है ।