Thursday 18 December 2014

खाली डिब्बा (RM2RN)

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मैनेजमेंट की शिक्षा प्राप्त कर रहे कुछ स्टूडेंट्स को प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स डेवलप करने के बारे में बताया जा रहा था। कुछ देर पढ़ाने के बाद प्रोफेसर ने बच्चों को एक केस स्टडी सोल्व करने को दी।
जापान की एक साबुन बनाने वाली कम्पनी अपनी क्वालिटी और वर्ल्ड क्लास प्रोसेसेज के लिए जानी जाती थी। पर आज उनके सामने एक अजीब समस्या आ खड़ी हुई , उन्हें कम्प्लेंट मिली की एक कस्टमर ने जब साबुन का डिब्बा खरीदा तो वो खाली था। कंप्लेंट की जांच की गयी तो पता चला चूक कंपनी के तरफ से ही हुई थी , असेंबली लाइन से जब साबुन डिलीवरी डिपार्टमेंट को भेजे जा रहे थे तब एक डिब्बा खाली ही चला गया।
इस घटना से कम्पनी की काफी किरकिरी हुई। कम्पनी के अधिकारी बड़े परेशान हुए कि आखिर ऐसा कैसे हो गया। तुरंत एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई गयी , गहन चर्चा हुई , और भविष्य में ऐसी घटना ना हो इसके लिए लोगों से उपाए मांगे गए। बहुत विचार-विमर्श के बाद निश्चय किया गया कि असेंबली लाइन के अंत में एक एक्स-रे मशीन लगायी जायेगी जो एक हाई रेसोलुशन मॉनिटर से कनेक्टेड होगी। मॉनिटर के सामने बैठा व्यक्ति देख पायेगा की डिब्बा खाली है या भरा।
कुछ ही दिनों में ये सिस्टम इम्प्लीमेंट कर दिया गया, पर जब एक छोटी रैंक के कर्मचारी को इस समस्या का पता चला तो उसने इस समस्या का हल एक बड़े ही सस्ते और आसान तरीके से निकाल दिया। एक ऐसा तरीका जिसमे ना लाखों की मशीन खरीदने का खर्च था और ना ही किसी आदमी को रखने की ज़रुरत।
सोचिये अगर आपके सामने ये समस्या आती तो आप क्या करते ?
उस आदमी ने ये किया – उसने एक हाई पावर इलेक्ट्रिकल फैन खरीदा और असेंबली लाइन के सामने लगा दिया , अब हर एक डिब्बे को पंखे की तेज हवा के सामने से होकर गुजरना पड़ता और जैसे ही कोई खाली डिब्बा सामने आता हवा उसे उड़ा कर दूर फेंक देती।
फ्रेंड्स, इस तरह के सोल्युशन को हम आउट ऑफ़ द बॉक्स या क्रिएटिव थिंकिंग कहते हैं। और सबस अच्छी बात ये है कि इसका किताबी ज्ञान से कोई लेना-देना नहीं होता। हममें से हर एक व्यक्ति अपनी समस्याओं को सरल तरीकों से सुलझा सकता है पर शायद हम सबसे पहले दिमाग में आने वाले हल को ही पकड़ कर बैठ जाते हैं। आइये इस केस स्टडी से प्रेरणा लेते हुए हम भी अपनी समस्याओं के नए-नए समाधान ढूंढें और इस जीवन को सरल बनाएं।

Tuesday 9 December 2014

Joke-New Clinic (RM2RN)

Nehle pe Dehla

एक डॉक्टर ने नया-नया क्लिनिक खोला तो बाहर बोर्ड टाँग दिया, जिसपे लिखा था, "किसी भी बीमारी का इलाज़ मात्र 300/- रुपये में और अगर हम आपका इलाज़ नहीं कर पाये तो हम आपको 1000/- रुपये देंगे।"
यह बोर्ड पढ़कर एक दिन एक आदमी के मन में ख्याल आया कि क्यों न कोई चालाकी की जाये और 1000/- रुपये कमाये जाएँ। इसी सोच के साथ आदमी डॉक्टर के पास पहुँच गया।
डॉक्टर: आईये बैठिये, बताइये क्या तक़लीफ है आपको?
आदमी: डॉक्टर साहब, मैं अपना स्वाद खो चुका हूँ। कुछ भी खाता या पीता हूँ तो स्वाद का पता ही नहीं चलता।
डॉकटर ने पूरी बात सुनी और नर्स से कहा कि 22 नंबर वाली बोतल में से कुछ बूंदे इनकी जीभ पर डाल दो।
नर्स से जैसे ही बूंदे आदमी की जीभ पर डाली, आदमी एक दम से चिल्लाया, "यह तो पेशाब है।"
डॉक्टर: मुबारक हो आपका स्वाद वापस आ गया।
आदमी बहुत शर्मिंदा हुआ और उसे 300/- रूपये भी गंवाने पड़े।
कुछ दिनों बाद वो फिर से डॉक्टर के पास अपना हिसाब बराबर करने पहुँच गया।
डॉक्टर: जी अब क्या तकलीफ हो गयी।
आदमी: डॉक्टर साहब, मैं अपनी यादाश्त कमज़ोर हो गयी है।
डॉक्टर ने नर्स से कहा कि 22 नंबर वाली बोतल में से दवाई निकाल कर इनको दो।
यह सुन कर आदमी तुरंत बोला, "डॉक्टर साहब वो दवाई तो स्वाद वापस लाने के लिए है न।"
डॉक्टर: मुबारक हो आपकी यादाश्त भी वापस आ गयी है।



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SAD Poem from Acid Victim Girl (RM2RN)

तेज़ाब हमले से एक पीड़ित लड़की द्वारा कही गई ये कुछ पंक्तियां:-
•चलो..! तुमने तेज़ाब फेंक दिया सो फेंक दिया...
अब कुसूर भी बता दो मेरा ।
•तुम्हारा इज़हार था मेरा इनकार था
बस इतनी सी बात पर फूँक दिया चेहरा
•गलती शायद मेरी थी प्यार तुम्हारा ना देख सकी
इतना पाक प्यार था के उसे ना मैं समझ सकी,
•अब अपनी गलती मानती हूँ क्या अब तुम अपनाओगे मुझे
क्या अब अपना बनाओगे मुझे,
•क्या लबो से चूमोगे मेरे होठों को ?
जो अब दिखाई नहीं देते
•क्या सहलाओगे मेरे चेहरे को,
जिन पर हैं अब फफोले,
•मेरी आँखों में देखोगे,आँखें डाल कर ?
जिनकी पलके सारी हैं जल चुकी,
•चलायोगे अपनी उंगलिया मेरे गालो पर ?
जो अब पानी के छालो से हैं भर चुकी..
•हाँ..शायद तुम कर लोगे
तुम्हारा प्यार तो सच्चा है ना,
•अच्छा ! एक बात तो बताओ,
ये तेज़ाब का ख्याल कहाँ से आया ?
•किसी ने बताया था या...
दिमाग में तुम्हारे,खुद ही आया ?
•अब कैसा महसूस करते हो तुम मुझे जला कर...
गौरवन्वित या पहले से और ज्यादा मर्दाना..?
•तुम्हे पता है सिर्फ मेरा चेहरा जला है
जिस्म भी तो अभी पूरा बचा है...
•एक सलाह दूँ..एक तेजाब का तालाब बनवाओ
फिर उसमे मुझसे छलांग लगवाओ
•जब पूरी तरह मैं जल जाउंगी
फिर तो तुम्हारा प्यार और भी गहरा हो जाएगा...
•एक दुआ है मेरी भगवान से अब..
•कि अगले जन्म में..मैं तुम्हारी बेटी बनूँ,
और तुम जैसा कोई फिर सच्चा आशिक़ मिले...!!!

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Samay Ka Mahatva (RM2RN)

Samay Ka Mahatva is a panchtantra tale in hindi for children, kindargarten, toddlers and preschoolers. Its a story of an ant and dove and the kind of hard work the ant put it to make a safe future and understand the value of time.



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